उत्तर प्रदेश, बदायूं/बिसौली-: नगर के साहू राम लखन कोल्ड स्टोरेज में बज़्म – ए – आसी द्वारा “एक शाम फ़हमी बदायूंनी के नाम” एक शानदार महफिल शाम – ए – गजल के नाम से सजाई गई। जिसमें मकामी शोरा हज़रात के अलावा मेहमान शोरा हजरात ने शिरकत कर अपने महबूब शायर फ़हमी बदायूंनी को खिराजे अक़ीदत पेश की। सुभाष अग्रवाल ने कहा शायरी के माध्यम से कवि बहुत बड़ी-बड़ी बातों को चंद शब्दों में पिरो देता है। उन्होंने कहा मुशायरा और कवि सम्मेलन हमारी संस्कृति का हिस्सा है। महफिल शुरुआत शमा रोशन कर की गई।डा.अमीरुद्दीन अमीर ने नाते पाक से महफिले मुशायरा का आगाज करते हुए फरमाया रसूल करता है जब सैर आसमानों की। तो चंद लम्हों में सदियां गुजार देता है।। दर्शकों की फरमाइश पर सोनरूपा विशाल ने बेहतरीन गजल सुनाई तुम्हारे लम्स की ख़ुशबू थी जिसमें। मुझे वो पैरहन धोना नहीं था। महफिल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी।। शायर विनीत आश्ना ने अपनी मशहूर गजल के शेर पढ़ते हुए कहा एक ख़ुदा है एक सनम है ये क्या कम है। और दोनों का मुझपे करम है ये क्या कम है।। उस्ताद शायर खालिद नदीम बदायूंनी ने अपने अंदाज में कुछ यूं कहा हाल ए दिल अपना उन्हें हम जो सुनाने लग जाएं, दोनों हाथों से वो रुखसार छुपाने लग जाएं। महफिल की निजामत कर रहे श्रीदत्त शर्मा मुजतर ने अपनी बात यूं रखी नसीहत करने वाले घर को जाएं। अभी पीने पिलाने की घड़ी है।। शायर अभीक्ष पाठक आहत ने कहा मेरी आवारा मिजाजी को न समझेंगे कभी अपने किरदार के पैबंद छुपाने वाले।। मशकूर अहमद नज़्मी ने कहा होशो खिरद जुनून सभी वे असर गए। हम प्यार की तलाश में हद से गुजर गए।। मशहूद खाँ हमदम ने कहा देर ओ हरम कलीसा खाली पड़े हुए हैं।
उसकी गली में देखो मजमा लगा हुआ है।। फरीद इदरीसी ने अपने अंदाज में बयां किया सौ बार पढ़ चुका हूं मगर फिर भी आज तक। एक लफ्ज़ उसके खत का उलझन बना हुआ है।। शायर आतिश शाहबादी ने फहमी साहब को खिराजे अकीदत पेश करते हुए कहा ए ग़मे फ़हमी खुदा रक्खे तुझे मेरे लिए। फिर फराहम कर दिए हैं आंसुओं के सिलसिले।। चिराग शर्मा चिराग ने आज के दौर पर कहा तुम्हें यह गम है कि चिट्टियां नहीं आती।हमारी सोचो हमें हिचकियां नहीं आती।। महफिल का आलम यह था कि देर रात तक लोग फरमाइश करते रहे। महफिल में आए हुए सभी शायरों ने अपने कलाम पढ़कर फहमी बदायूंनी को खिराजे अक़ीदत पेश की। महफ़िल की सदारत उस्ताद शायर खालिद नदीम बदायूँनी ने व निज़ामत श्रीदत्त शर्मा मुज़तर ने की। अंत में बज़्म ए आसी के सरपरस्त एवं महफिल के आयोजक सुभाष अग्रवाल व हाजी एम. सगीर ने सभी का शुक्रिया अदा किया। इस मौक़े पर हरीश गुप्ता, नगर के उद्योगपति रवि प्रकाश अग्रवाल, एड.राजेश भारद्वाज, मुन्ने खां, जावेद खान, इलियास खान, काजी शाहनवाज खां, मीत शर्मा, मोंटी महाजन, सभासद कृष्णा गुप्ता, शब्बर खान, फहीम अहमद, माजिद अली, गुड्डू खान, आसिम खान, आदिल, मो. असद, कासिम, मो. कैफ आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट- आई एम खान।