(उत्तरप्रदेश) बदायूँ-: जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव में कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आकांक्षात्मक विकास खण्डों में कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सभी 06 आकांक्षात्मक ब्लॉक के लिए खंड विकास अधिकारी नोडल अधिकारी हैं तथा अपलोड किए जा रहे डाटा की शुद्धता व वास्तविकता के लिए वह जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा की कार्यो में प्रगति न होने पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। उन्होंने ग्रामों में भारत नेट की खराब स्थिति पर अपनी नाराजगी व्यक्ति करते हुए संबंधित अधिकारियों को प्रगति लाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद के 06 ब्लॉक आकांक्षात्मक ब्लॉक की श्रेणी में है जिनमें से ब्लाक आसफपुर व ब्लाक अंबियापुर नीति आयोग केंद्र सरकार के आकांक्षात्मक ब्लॉक है तथा ब्लॉक कादरचौक, सालारपुर, उसावां व वजीरगंज उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चिन्हित हैं। इस प्रकार जनपद में कुल 06 ब्लॉक आकांक्षात्मक ब्लॉक है।
डीएम ने कहा कि संवादहीनता नहीं होनी चाहिए। संसाधनों की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। सभी अधिकारी अपने लक्ष्यों को पूर्ण करें। उन्होंने जनपद के सभी आकांक्षात्मक ब्लॉक में आंगनवाड़ी केन्द्रों में लर्निंग लैब के कार्यों को 15 दिसंबर 2024 तक पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से अपने-अपने विभाग से संबंधित इंडिकेटर पर कार्य करने के लिए कहा।
मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार ने बताया कि आकांक्षात्मक ब्लॉक कार्यक्रम (एबीपी) का मकसद, भारत के पिछड़े और विकासशील इलाकों में आर्थिक और सामाजिक तरक्की लाना है। इस कार्यक्रम के तहत, सरकार इन क्षेत्रों में विकास के लिए कई तरह की परियोजनाएं चलाती है और लोगों को रोज़गार के मौके मुहैया कराती है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के कुछ मुख्य उद्देश्य पिछड़े इलाकों में विकास को बढ़ावा देना, स्थानीय लोगों को रोज़गार के मौके देना, शिक्षा, स्वास्थ्य, और दूसरी बुनियादी सुविधाओं में सुधार करना, क्षेत्रीय असमानता को कम करना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाना है। डिजिटल तरीकों से परिणामों पर निगरानी की जाती है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामेश्वर मिश्रा सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।
डेस्क-: राष्ट्रीय न्यूज़ टुडे।